ब्रज सार

पद्म पुराण में वर्णित बारह वन : 1. मधुवन, 2. तालवन, 3. कुमुदवन, 4. बहुलावन, 5. कामवन, 6. खदिरवन, 7. वृन्दावन, 8. भद्रवन, 9. भाण्डीरवन, 10. बेलवन, 11. लोहवन और 12. महावन

बारह पुराण में वर्णित बारह उपवन : ब्रह्मवन, अप्सरावन, बिह्वल वन, कदम्ब वन, स्वर्ण वन, सुरभि वन, प्रेम वन, मयूरवन, मानेंगित वन, शेषशायीवन, नारद वन और परमानन्द वन

भविष्य पुराण में वर्णित बारह प्रतिवन : रंकवन, वार्तावन, करहावन, कामवन, अंजनवन, कर्णवन, कृष्णाक्षिपवन, नन्दप्रेक्षण कृष्ण वन, इन्द्रवन, शिक्षावन, चन्द्रावली वन, लोहवन

विष्णु पुराण में वर्णित बारह अधिवन : मथुरा, राधाकुण्ड, नंदगाँव, गढ़, ललितागाँव, वृषभानुपुर, गोकुल, बलभद्रवन, गोवर्धन, जावट, वृन्दावन और संकेतवन

सोलह वट : वंशीवट(वृन्दावन), संकेत वट, भाण्डीरवट, जावट, श्री वट, जटाजुट वट, कामवट, मनोरम वट, आशावट, अशोकवट, केलिवट, ब्रह्मवट, रुद्रवट, श्रीधर वट और सावित्री वट, वंशीवट (भाण्डीरवन)